Thursday, November 5, 2015

दबाव में माना जमात-उद-दावा को आतंकी

    दावा तो यह रहा है कि हाफिज सईद की जमात-उद-दावा एक धर्मार्थ काम करने वाली संस्था है मगर हकीकत यह है कि यह एक आतंकी संगठन है। इसके सरगना को लाहौर हाइकोर्ट के आदेष के बाद 2009 में रिहा कर दिया गया तब से हाफिज सईद पाकिस्तान में स्वतंत्र घूम फिर रहा है और भारत के खिलाफ जिहाद छेड़े हुए है। जिहाद के लिए पैसा जुटाना तथा भारत पर ताकत आजमाना इसका और इसके संगठन का काम है। खुले आम जिहाद के लिए लोगों को प्रोत्साहित भी करता है। आतंक का खुंखार चेहरा हाफिज सईद ने अपनी सेना भी तैयार की है। बीते दिन पाकिस्तान ने माना कि मुम्बई हमले के मास्टर माइंड की संस्था जमात-उद-दावा एक आतंकी संगठन है। इसके पूर्व जब दिसम्बर 2008 में संयुक्त राश्ट्र ने इसे आतंकी संगठन और हाफिज सईद को आतंकी घोशित किया तब भी पाकिस्तान के कान में जूं नहीं रेंगी थी। बीते कुछ घटनाक्रम से पाकिस्तान की हेकड़ी को भी चोट लगी है एक तरफ अमेरिका द्वारा डांट-डपट पिलाना, दूसरी तरफ भारत के आतंक को लेकर वैष्विक पहल की मजबूती का होना साथ ही आतंक के मामले में बढ़ते खतरे से षेश विष्व का इकट्ठा होना आदि पाकिस्तान को इस बात के लिए मजबूर करता है कि यदि आतंकी संगठनों को लेकर कदम नहीं उठाए गये तो नतीजे भुगतने पड़ेंगे।
    जब से अंडर वल्र्ड डाॅन छोटा राजन को इंडोनेषिया से गिरफ्तार किया गया है तब से दो की नींद उड़ी है एक अंडर वल्र्ड डाॅन दाऊद इब्राहिम की दूसरे उसके षरण देने वाले पाकिस्तान की। छोटा राजन भी कह चुका है कि दाऊद पाकिस्तान में ही छुपा है पाकिस्तान को इसकी गिरफ्तारी का ऐसा खौफ है कि वह आतंकवादी को पाकिस्तान से बाहर ही नहीं निकलने दे रहा है। पाकिस्तान में आतंक की खेती होती है यह बात बरसों पुरानी है पर इस जहर से पाकिस्तान भी बीते कुछ अरसे से वाकिफ होने लगा है जब उसी पर कुछ आतंकियों ने पलटवार किया। पूर्व राश्ट्रपति और तानाषाह मुषर्रफ भी यह स्वीकार कर चुके हैं कि लादेन जैसे आतंकी उनके हीरो हैं। वैष्विक स्तर पर देखा जाए तो आतंकवाद को लेकर मोदी सरकार ने अमेरिका और अन्तर्राश्ट्रीय समुदाय से जो दबाव पाकिस्तान पर बनवाया उसके नतीजे अब देखने को मिल रहे हैं। भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले आतंकियों की जमात रखने वाला पाकिस्तान जमात-उद-दावा को आतंकी संगठन घोशित करके कुछ दाग धोने की कोषिष की है। हाफिज सईद के मीडिया कवरेज पर भी रोक लगायी गयी है पर इतनी देर हो चुकी है कि इतने मात्र से काम नहीं बनेगा।
    सवाल है कि हाफिज सईद पर नकेल कब कसी जाएगी? जब तक जकीर उर रहमान लखवी, दाऊद तथा हाफिज सईद जैसे आतंकियों के खिलाफ मजबूत कार्यवाही नहीं होगी तब तक पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता। पाकिस्तान आतंकवाद के मामले में हमेषा से संदिग्ध रहा है और भारत में आतंक का आयात करता रहा है। बीते कुछ महीनों में दो जिन्दा आतंकी भी पकड़े गये हैं जिन्हें वह अपना नागरिक मानने से मना करता है। पेंटागन रिपोर्ट से लेकर भारत की कई घटनाओं से यह साफ हो चुका है कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ षरीफ की भी इन आतंकियों के आगे नहीं चलती। जिस भांति पाकिस्तान में आतंक उगता है, फलता-फूलता है उसे देखते हुए तो यही लगता है कि पाकिस्तान द्वारा की गयी थोड़ी-मोड़ी कार्यवाही एक दिखावा मात्र है जबकि असल सच यह है कि इन्हीं आतंकियों के सहारे वह भारत से बदले की कूबत इकट्ठा किये हुए है। अभी कुछ दिन पूर्व ही अमेरिकी राश्ट्रपति ओबामा भी नवाज़ षरीफ को चेता चुके हैं कि आतंकवाद में फर्क नहीं करना चाहिए पर पाकिस्तान को अभी भी यह बात षायद ही समझ में आई हो।   



लेखक, वरिश्ठ स्तम्भकार एवं रिसर्च फाॅउन्डेषन आॅफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेषन के निदेषक हैं
सुशील कुमार सिंह
निदेशक
प्रयास आईएएस स्टडी सर्किल
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