Wednesday, July 6, 2022

विकास माॅडल, सुशासन और उत्तर प्रदेश

जब सरकारें सषक्त हों और जनता उम्मीदों से अटी हो तो ऐसे में सुषासन भरा कदम कमजोर होने की स्थिति में नुकसान चैतरफा होता है। उत्तर प्रदेष की योगी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल के सौ दिन के रिपोर्ट कार्ड को जिस प्रारूप के साथ पेष किया है उससे स्पश्ट है कि वह न केवल विकास माॅडल को गढ़ने का इरादा रखती है बल्कि सुषासन को भी सरपट दौड़ाने की आकांक्षा से भी युक्त है। गौरतलब है कि विकास एक प्रकार का परिवर्तन है जिसमें जन सरोकार निहित होता है। जब विकास बेहतर विस्तार ले लेता है साथ ही समावेषी समस्याएं मसलन गरीबी, बीमारी, बेरोजगारी, पानी, बिजली, सड़क, सुरक्षा, षिक्षा, चिकित्सा आदि को हल करने में आपेक्षित परिणाम बार-बार मिलते है तो यह विकास माॅडल के रूप में प्रतिश्ठित हो जाता है। सेवा, सुरक्षा और सुषासन के समर्पित इस सौ दिन को उत्तर प्रदेष सरकार ने जिस ब्यौरेवार तरीके से जनमानस के समक्ष परोसा है उससे साफ है कि योगी सरकार सुषासन सूचकांक के मामले में अव्वल होना चाहती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता के मत के मर्म को ध्यान में रखते हुए षायद यह विष्वास दिलाना जरूरी समझा कि उनका दूसरा कार्यकाल एक नई उड़ान के साथ अपनी यात्रा को आगे बढ़ायेगा। दो टूक यह भी है देष हो या प्रदेष बेरोज़गारी के झंझवात से युवा जूझ रहा है। बेरोज़गारी के चलते अनेकों समस्याओं से युवा ग्रसित भी है। फिलहाल सरकार का दावा है कि साल 2017 में बेरोज़गारी दर 17.5 प्रतिषत थी जो अब महज 2.9 फीसद ही है। गरीब व किसान कल्याण, कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाएं, षिक्षा, आधारभूत संरचना, ग्राम विकास, वन एवं पर्यावरण समेत ग्रामीण जलापूर्ति आदि को लेकर उत्तर प्रदेष सरकार ने व्यापक दृश्टिकोण से अवगत कराने का प्रयास किया है। 

 इसमें कोई दुविधा नहीं है कि देष के साथ-साथ प्रदेष भी सुषासन का माॅडल गढ़ना चाहते हैं जो बिना मजबूत विकास माॅडल के संभव नहीं है। उत्तर प्रदेष की योगी सरकार की दूसरी पारी के सौ दिन पूरे हो गए हैं। विकास को लेकर स्पीड और स्केल को बड़ा करते हुए एक बेहतरीन माॅडल की आकांक्षा उत्तर प्रदेष में करवट ले रहा है। साढ़े 6 लाख करोड़ के बजट वाला उत्तर प्रदेष पूर्वांचल एक्सप्रेस, बुंदेलखंड एक्सप्रेस और गंगा एक्सप्रेस वे के सन्दर्भ को जमीन पर उतारने का प्रयास किया है। योगी सरकार द्वारा स्वरोजगार के लिए 21 हजार करोड़ रूपए कर्ज देने और 20 हजार नौकरियों का लक्ष्य सौ दिन में कितना फलित हुआ है इसका प्रभाव विकास माॅडल और सुषासन पर अवष्य पडे़गा। इसी क्रम में अगले 6 महीने, एक साल और पूरे 5 साल की योजना यूपी विकास माॅडल को ताकत देगा। कानून व्यवस्था व सुरक्षा समेत कई मोर्चे पर योगी सरकार अपने पहले कार्यकाल में विकास के माॅडल का एक चेहरा सबके समक्ष रख दिया था और अपनी कार्यषैली से जनता में भरोसा भी बढ़ा लिया। अब सरकार इस भरोसे पर खरा उतरने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है और कार्य योजना के स्पश्ट लक्ष्य से विकास माॅडल को सुनिष्चित करने और सुषासन के पथ को चिकना करने में षासन व प्रषासन जोर-षोर से जुट गया है। 

पड़ताल बताती है कि 25 दिसम्बर 2021 को सुषासन दिवस के अवसर पर जारी सुषासन सूचकांक में ग्रुप बी में उत्तर प्रदेष ने 5वीं रैंक प्राप्त किया था जो 2019 की तुलना में बेहतर अंक लिए हुए है। इसमें इस बात का संकेत संदर्भित है कि सुषासन सूचकांक के उन 10 क्षेत्रों में उत्तर प्रदेष सुधार की राह पर गया है। नागरिक केन्द्रित षासन व मानव संसाधन विकास क्षेत्र में जहां स्कोर के मुताबिक रैंकिंग दूसरे स्थान पर थी वहीं न्यायिक और सार्वजनिक सुरक्षा के मामले में तीसरे स्थान पर होना यह स्पश्ट करता है कि सरकार ने इन्हें न केवल प्राथमिकता में रखा है बल्कि विगत् कुछ वर्शों में विकास माॅडल गढ़ने की दिषा में बड़ा कदम भी उठाया है। इतना ही नहीं वाणिज्य और उद्योग क्षेत्र में उत्तर प्रदेष प्रथम स्थान पर है। सुषासन सूचकांक के ग्रुप बी में जहां मध्यप्रदेष प्रथम स्थान पर है जबकि उत्तर पूर्व और पहाड़ी राज्यों में हिमाचल प्रदेष और केन्द्रषासित में दिल्ली अव्वल है। वहीं ग्रुप ए में गुजरात पहले स्थान पर देखा जा सकता है। गौरतलब है कि मौजूदा प्रधानमन्त्री मोदी ने मुख्यमंत्री रहते हुए गुजरात में विकास का माॅडल न केवल गढ़ा बल्कि पूरे देष की जुबान पर भी इसे चढ़ा दिया। फिलहाल 2019 के सूचकांक की तुलना में उत्तर प्रदेष सुषासन की दृश्टि से सुधार किया है। दरअसल कृशि और उससे सम्बद्ध क्षेत्र मानव संसाधन विकास, आधारभूत संरचना, समाज कल्याण और विकास समेत कई ऐसे क्षेत्र हैं जिन्हंे प्राथमिकता देकर उत्तर प्रदेष की योगी सरकार ने यूपी विकास माॅडल को विकसित करने की ओर झुकाव दिखाया साथ ही सुषासन के पथ को भी कमोबेष समतल किया है। 

उत्तर प्रदेष भारत का सबसे बड़ी आबादी वाला प्रदेष है। गौरतलब है कि जहां न्याय, सषक्तिकरण, रोजगार व क्षमता पूर्वक सेवा प्रदायन की व्यवस्था सुनिष्चित होती हो वहां सुषासन स्वयं उभार ले लेता है। सुषासन की चाह में देष के सभी प्रदेष विकास के नये माॅडल गढ़ना चाहते हैं। उत्तर प्रदेष जैसा भारी-भरकम प्रदेष भी ऐसे माॅडल से अछूता कैसे रह सकता। जवाबदेही और जिम्मेदारी की दृश्टि से वर्तमान योगी सरकार कहीं अधिक सामथ्र्यवान और सषक्त दिखती है। लोक कल्याण, संवेदनषीलता, खुले दृश्टिकोण और पारदर्षिता के चलते मौजूदा उत्तर प्रदेष सरकार कई मामलों में बेहतर कदम उठा चुकी है जिसका निहित भाव सुषासन ही है। सत्ता की दूसरी पारी षुरू होने के दूसरे दिन ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पश्ट कर दिया था कि सुषासन को और सुदृढ़ करने के लिए स्वयं से हमारी प्रतिस्पद्र्धा प्रारंभ होगी और सुषासन की स्थापना को और मजबूती के साथ आगे बढ़ाना होगा। उत्तर प्रदेष सरकार यह जानती है कि राजनीतिक दाव-पेंच से सत्ता प्राप्त करना आसान है पर इसे दषकों बरकरार रखना उतना कठिन भी है मगर प्रदेष की जनता को एक बेहतरीन विकास माॅडल दिया जाए तो संभव है कि जनता का भरोसा उन पर कायम रहे। 

योगी योजना 2022 के अंतर्गत मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेष के निवासियों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाओं को आरंभ किया है जिसमें यूपी स्काॅलरषिप योजना, वृद्धा, विधवा, विकलांग पेंषन योजना, युवा स्वरोजगार योजना, जन सुनवाई व श्रमिक भरण-पोशण योजना तथा वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना समेत लगभग तीन दर्जन योजनाएं देखी जा सकती है। कानून का षासन, न्याय तक लोगों की पहुंच और जान-माल की सुरक्षा की कसौटी भी सुषासन है। उत्तर प्रदेष की सरकार ऐसे कई मामलों में तुलनात्मक बेहतरी को हासिल कर रही है जो विकास के एक बेहतर माॅडल को इंगित करता है। जितने बड़े पैमाने पर जन सरोकार सुनिष्चित किए जाएंगे उतना ही विस्तृत विकास माॅडल होता जायेगा। स्त्री-पुरूश समानता को प्रोत्साहन, गरीबी, अभाव, भय और हिंसा को कम करने का उपकरण की खोज विकास माॅडल है। स्वतन्त्र, निश्पक्ष, मावनाधिकार की गारंटी और नागरिक समाज को प्राथमिकता देने के साथ पर्यावरण को स्थायित्व देना आदि तमाम जन सरोकार से सम्बन्धित हैं जिसे सुनिष्चित करना राज्य का कत्र्तव्य है। विगत पांच वर्शों में योगी सरकार ने कई ऐसे आयाम गढ़े हैं जो उत्तर प्रदेष की जनता को कानून व्यवस्था समेत कई अन्य नीतिगत मापदंडों में ईज आॅफ लिविंग का अनुभव हुआ है। 

दिनांक : 04/07/2022


डाॅ0 सुशील कुमार सिंह

(वरिष्ठ  स्तम्भकार एवं प्रशासनिक चिंतक)

निदेशक

वाईएस रिसर्च फाॅउन्डेशन ऑफ  पॉलिसी एंड एडमिनिस्ट्रेशन 

लेन नं.12, इन्द्रप्रस्थ एन्क्लेव, अपर नत्थनपुर

देहरादून-248005 (उत्तराखण्ड)

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